तेरे बाद हमने दिल का दरवाजा खोला ही नही.
वरना बहुत से चाँद आए इस घर को सजाने के लिए
याद करके आपको जीता है कोई,
साँसों मे आपको महसूस करता है कोई,
मौत तो आनी है एक दिन,
पर आपसे दूर रहकर हर पल मरता है कोई…
अनदेखे धागो से, यूँ बांध गया कोई
वो साथ भी नही,और हम आजाद भी नही
कलम से खत लिखने का रिवाज फिर आना चाहिए ,
ये चैटिंग की दुनिया बड़ा फरेब फैला रही है...!!
रास्ता ऐसा भी दुशवार न था
बस उसको हमारी चाहत पे ऐतबार न था
वो चल न सकी हमारे साथ वरना
हमे तो जान देने से भी इनकार न था
इतना आसान नहीं है जीवन का हर किरदार निभा पाना,
इंसान को बिखरना पड़ता है रिश्तों को समेटने के लिए...
जिस नज़ाकत से लहरें पैरों को छूती है
यकीन नही होता कि इन्होने
कभी कश्तियाँ भी डुबाई होंगी
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